Saturday, July 27, 2024
Google search engine
Homeप्रमुख समाचारकिसानों की आय बढ़ाने के लिए विविधिकरण की महत्ती आवश्यकता: राज्यपाल कलराज...

किसानों की आय बढ़ाने के लिए विविधिकरण की महत्ती आवश्यकता: राज्यपाल कलराज मिश्र

बीकानेर, 11 सितंबर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि कृषि से जुड़ी मौसमी व अन्य चुनौतियों के मद्देनजर कृषि के उत्पादन, संग्रहण, विविधिकरण और कृषि विपणन के कारगर तरीकों पर चिंतन किया जाए।
राज्यपाल श्री मिश्र सोमवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में ‘कृषकों की आय वृद्धि हेतु कृषि में विविधिकरण’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, छोटी होती जोत, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, गिरता भू-जल स्तर, वनों का कटाई, ग्रीन हाउस गैसों के दुष्प्रभाव, मृदा की उर्वरा शक्ति में कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी अनेक चुनौतियां कृषि के समक्ष हैं। ऐसे में किसानों के आर्थिक उत्थान में कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय किसानों की आवश्यकताओं को समझते हुए ऐसे शोध करें, जिनसे पैदावार बढ़े और किसानों को आर्थिक लाभ हो।


राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि प्रसार के शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा अनेक नवाचार किए जा रहे हैं। इनसे किसानों को होने वाले लाभ को समझने और जानने के लिए वे अगले महीने से कृषि विज्ञान केंद्रों का भ्रमण करेंगे और किसानों के साथ संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में किसानों की आय बढ़ाने के लिए विविधिकरण की महत्ती आवश्यकता है। कृषि वैज्ञानिक किसानों को एक फसल पर निर्भर नहीं रहते हुए विविधिकरण के लिए प्रेरित करें। ऐसी फसलों को प्रोत्साहित करें, जो कम पानी में पैदा हों तथा मौसम की मार झेल सकें। उन्होंने कहा कि फसलों में विविधिकरण अपनाते हुए अन्न के साथ दालें, सब्जियां, फल, फूल, मसाले और अन्य पौधों की निराई-गुड़ाई की जाए।


श्री मिश्र ने कहा कि वर्ष 2023 को मोटे अनाज के उत्पादन और प्रोत्साहन के रूप में मनाया जा रहा है। हमारे देश में भी बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाज बहुतायत में पैदा होते हैं।

इनमें पारंपरिक फसलों की तुलना में कैल्शियम, पोटेशियम और लोहा जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके मद्देनजर किसानों को मोटे अनाज उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए। इनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए विश्वविद्यालय विशेष कार्यशालाएं आयोजित करें।


राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की आर्थिक रीढ़ है। किसान समृद्ध होंगे तो अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इसे समझते हुए किसानों को पारंपरिक खेती के स्थान पर वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलाव को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे वे आत्मनिर्भर हो सकें।


इससे पहले कुलपति प्रो. अरुण कुमार ने दो दिवसीय कार्यशाला के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सेमिनार के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में कृषि विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे।

सेमिनार के दौरान थीम आधारित पांच सत्र होंगे। सेमिनार में यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी दिया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया।


इससे पहले राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर सेमिनार का उद्घाटन किया।  इसके बाद विश्वविद्यालय का कुल गीत प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल ने संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया। इस दौरान विश्वविद्यालय द्वारा तैयार डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। राज्यपाल श्री मिश्र ने ‘क्रॉप इंप्रूवमेंट एंड म्यूटेशन ब्रीडिंग’ पुस्तक का विमोचन किया।

उन्होंने अपनी पुस्तक ‘संविधान संस्कृति उज्जवल रहे’ तथा ‘शिक्षा की संस्कृति’ की प्रतियां कुलपति डॉ. अरुण कुमार सिंह, बीटीयू के कुलपति डॉ. अम्बरीष शरण विद्यार्थी, राजूवास के कुलपति डॉ. सतीश कुमार गर्ग, पूर्व कुलपति डॉ. ए.के. गहलोत को भेट की। सेमिनार सचिव डॉ. पी.के. यादव ने आभार जताया।


इस दौरान जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम सहित  शिक्षाविद, कृषि विशेषज्ञ, विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, आचार्य तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।


*आवासीय छात्रावास का किया लोकार्पण*
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित आवासीय छात्रावास का लोकार्पण किया।

यह छात्रावास विवाहित शोध विद्यार्थियों के आवास के लिए उपयोग में लिया जाएगा।  राज्यपाल ने गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा संचालित मरूशक्ति एग्री इन्नोवेटिव फूड इकाई का भ्रमण किया तथा यहां बनाए जा रहे बाजरे के मूल्य संवर्धित उत्पादों की जानकारी ली।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments