पटना– स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट के माध्यम से लोगों से अपने-अपने घरों के आसपास और छत के ऊपर किसी डिब्बे या टूटे-फूटे बर्तनों या अन्य स्थानों पर पानी जमा नहीं होने देने की अपील की गई है। ताकि, इन जगहों पर डेंगू के मच्छर को पनपने का मौका नहीं मिले। डेंगू के उपचार में लोगों को एस्प्रीन या बुफ्रेन की गोलियां लेने से मना किया गया है। बिहार में गुरुवार तक डेंगू के 2674 केस आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1631 डेंगू मरीज अकेले पटना के हैं। वहीं, नालंदा में 205, वैशाली में 48, गया में 34, पूर्वी चंपारण में 32 डेंगू मरीजों की पहचान की गई। अब तक राज्य में तीन डेंगू मरीजों की मौत भी हो चुकी है।अभी राज्य में डेंगू के मामले अप्रत्याशित रूप से बढ़ गए हैं। इस बार गांवों से भी बड़ी संख्या में इसकी रिपोर्ट आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (वेक्टर जनित रोग) डॉ. विनय कुमार शर्मा ने कहा कि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सके, इसका उपाय आमजन के सहयोग से ही संभव है। इसलिए डेंगू को नियंत्रित करने की दिशा में सामूहिक प्रयास जरूरी है। इसके लिए आम लोगों को पर्चा, बैनर और अन्य माध्यमों से भी अलर्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। इसके मामले में पैरासिटामोल को सुरक्षित दवा बताया गया है। उन्होंने कहा कि तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन या ब्रुफेन की गोलियां कभी नहीं लेनी चाहिए। इसके लिए भी लोगों को जानकारी दी जा रही है। किसी भी आपात स्थिति में निशुल्क 102 एंबुलेंस की सेवा लेने या टॉल फ्री हेल्पलाइन नंबर 104 डायल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं सदर अस्पतालों में डेंगू के इलाज की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है।

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